Maithili Phool lodhan ke geet | बेलपात लोठ के गीत
बेलपात लोठ के गीत
तीरहुत नगरीया मे बेल के रे गछीया हे सोहाबन लागे रघुबर तोरत बेलपात हे ।। तीरहुत नगरीया मे फुल के रे गछीया हे दुल्हा तोरत अरहुल फुल हे सोहाबन लागे ।। सोनाके साजी गौरी तोरु बेलपात हे सोहाबन लागे ।। सीता पुजु गनराज हे सोहाबन लागे ।।
बगीया मे आयल छथी श्याम कीशोर, देखी देखी मनमा नाचे जेना नाचे मोर माथ मकुट शोभे हाथ शोभे धनुषा नैना काजर शोभे तिरछी नजरीया मन मुस्कान करे मन मोहे मोर, देखी देखी मनमा नाचे जेना नाचे मोर ।। कहलो नै जाय सखी रुप बदनमा, चारु दिश घुमी घुमी लोठीलेला चम्पाके कलीया लोठन गईले दुई चीत चोर, देखी देखी मनमा नाचे जेना नाचे मोर ।। जेना कमल छथी श्यामलबदनमा तेहने सुन्दर छथी बनीके सजनमा बगीयामे आयल छथी श्याम कीशोर, देखी देखी मनमा नाचे जेना नाचे मोर ।।